Rajasthan: एक राष्ट्र एक चुनाव नया नहीं, पहले भी हो चुके हैं संयुक्त इलेक्शन, सुनील भार्गव ने गिनाए फायदे

जयपुर : ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर देशभर में चर्चा तेज है। इस विषय पर चुनाव विशेषज्ञ सुनील भार्गव ने कहा कि यह कोई नई अवधारणा नहीं है, बल्कि देश में पहले भी संयुक्त चुनाव हो चुके हैं। उन्होंने इस प्रणाली के कई फायदे गिनाए और इसे लोकतंत्र के लिए एक कारगर कदम बताया।

पहले भी हो चुके हैं संयुक्त चुनाव
सुनील भार्गव ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए गए थे। लेकिन 1968-69 में कुछ राज्यों की सरकारें समय से पहले गिर गईं, जिससे यह प्रणाली बाधित हो गई। इसके बाद से देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के फायदे
विशेषज्ञ सुनील भार्गव ने इस प्रणाली के कई लाभ गिनाए:

  1. चुनावी खर्च में कमी – बार-बार चुनाव कराने से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता है। यदि सभी चुनाव एक साथ हों, तो चुनावी खर्च को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
  2. प्रशासनिक कार्यों में बाधा नहीं – चुनावी प्रक्रिया के कारण आचार संहिता लागू होती है, जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ता है। यदि सभी चुनाव एक साथ होंगे, तो प्रशासन सुचारू रूप से काम कर सकेगा।
  3. राजनीतिक स्थिरता – बार-बार चुनाव होने से नीतिगत फैसलों पर असर पड़ता है। संयुक्त चुनाव से सरकारें पूरे कार्यकाल में स्थिर रह सकती हैं।
  4. जनता के लिए सहूलियत – मतदाताओं को बार-बार मतदान केंद्र जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

चुनौतियां भी हैं मौजूद
हालांकि, इस व्यवस्था को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं। संविधान में संशोधन, राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय, और समय से पहले किसी सरकार के गिरने की स्थिति में नए विकल्प तलाशना जरूरी होगा।

सरकार का क्या है रुख?
केंद्र सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है। हाल ही में इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो इसके कानूनी और व्यावहारिक पहलुओं पर अध्ययन कर रही है।

क्या होगा आगे?
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के लिए सरकार को विपक्ष और विभिन्न राज्यों की सहमति लेनी होगी। यदि इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया, तो यह भारतीय लोकतंत्र के संचालन में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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