अहमदाबाद: गुरुवार दोपहर अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के दो मिनट के भीतर ही एयर इंडिया की AI-171 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट क्रैश हो गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में विमान में सवार सभी 242 यात्रियों की मौत हो गई। मृतकों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश नागरिक, और 20 अन्य देशों के यात्री शामिल हैं।
एयर इंडिया की यह इंटरनेशनल फ्लाइट लंदन जा रही थी। प्लेन ने दोपहर 1:38 बजे टेकऑफ किया और 1:40 बजे, जब वह केवल 625 फीट की ऊंचाई पर था, अचानक तकनीकी खराबी की सूचना मिली और कुछ ही क्षणों में विमान आग के गोले में तब्दील हो गया।
गुजरात पुलिस कमिश्नर के अनुसार, एयर ट्रैफिक कंट्रोल को आखिरी सिग्नल बेहद असामान्य मिला, जिसके बाद संपर्क पूरी तरह टूट गया।
इस फ्लाइट में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी यात्रा कर रहे थे। हादसे की पुष्टि होते ही पूरे प्रदेश में शोक की लहर फैल गई। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय ने रूपाणी जी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को "राज्य के लिए अपूरणीय क्षति" बताया।
हादसे के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें टेकऑफ से लेकर प्लेन में आग लगने और गिरने तक की पूरी घटना रिकॉर्ड है। इस रिकॉर्डिंग को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं—क्या हादसे की पहले से आशंका थी? किसने रिकॉर्ड किया और क्यों?
सरकार और विमानन मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं, और यह भी स्पष्ट किया है कि DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) की विशेष टीम मामले की तहकीकात करेगी।
यह भारत में एयर इंडिया का दूसरा सबसे बड़ा हादसा बताया जा रहा है। इससे पहले 1 जनवरी 1978 को 'एम्परर अशोक' नामक फ्लाइट मुंबई से दुबई के लिए उड़ान भरने के बाद अरब सागर में गिर गई थी, जिसमें 213 लोगों की जान गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा,
“अहमदाबाद विमान दुर्घटना अत्यंत पीड़ादायक है। इस हादसे में जान गंवाने वाले सभी यात्रियों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। हम जांच कर रहे हैं कि आखिर चूक कहां हुई।”
इस भयावह हादसे ने पूरे देश को सन्न कर दिया है। कई घरों के चिराग बुझ गए। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि जांच में क्या सामने आता है और क्या इस हादसे से भविष्य की उड़ानों के लिए कोई सबक मिलेगा।
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