अहमदाबाद: दर्दनाक प्लेन क्रैश ने पूरे देश को स्तब्ध किया हुआ है। इस हादसे ने अधिकतर यात्रियों की जान ले ली, लेकिन एक चमत्कार हुआ — केवल एक व्यक्ति जिंदा बाहर आया। इकलौता जीवित शख्स रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि दरवाज़े सहित गिरने की वजह से उनकी जान बच पाई।
रमेश ने दर्दभरी आवाज़ में कहा, “मुझे नहीं याद आया कि हुआ किया… दरवाज़े ने साथ दिया… उसी ने मेरा जीवन बचा लिया। गिरने पर मेरा शरीर दरवाज़े सहित बाहर आया था।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंच कर घायल रमेश विश्वास कुमार से मुलाकात किया। पीएम ने उनके स्वास्थ्य का जायजा लिया, उनके साहस की तारीफ की, साथ ही उनके परिवारजनों से बातचीत किया।
पीड़ित ने प्रधानमंत्री से बताया, “मैं चमत्कारिक रूप से गिरने के बाद भी जीवित हूं, इसका श्रेय दरवाज़े ने दिया।” प्रधानमंत्री ने उनके स्वास्थ्य सुधार की कामना किया और हर संभव मदद देने का आदेश दिया।
यह हादसा इतना दर्दनाक था कि अधिकतर लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, उनके शव बुरी तरह जल गए थे।
चश्मदीद ने बताया कि गिरने के बाद उनके साथ आया दरवाज़ा उनके लिए जीवनरक्षक शील्ड जैसा हुआ, जिसने गिरने की गति थोड़ा कम किया, और इस तरह उनके जीवन की रक्षा हुई।
दुर्घटना ने सुरक्षा मानदंडों पर नए प्रश्न खड़े किए हैं।
जांच दल ने आदेश दिया है कि क्रैश का असली कारण, सुरक्षा चूकें, विमान की हालत, इमरजेंसी दरवाज़े ने जीवनदान दिया या नहीं — हर बिंदु पर बारीकी से जांच किया जाएगा।
यह घटना एक तरफ शोकपूर्ण है, वहीँ चमत्कारिक जीवन ने लोगों की उम्मीदें जगाई हैं। इकलौता जीवित शख्स इसका जीता-जागता उदाहरण है कि मुश्किल घड़ी में भी चमत्कार संभव हैं।
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