उत्तराखंड: में हाल ही में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर संचालन को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में हेली सेवाओं के सुरक्षित और पारदर्शी संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाएगी। इसके साथ ही, पूर्व में हुई दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति आज की दुर्घटना (यदि कोई हुई है, जैसा कि लेख के संदर्भ में 'आज के हेली कैश' से इंगित है) की भी गहनता से जांच करेगी।
तकनीकी विशेषज्ञों की समिति करेगी SOP तैयार
मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव को तत्काल प्रभाव से तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया है। यह समिति हेलीकॉप्टर संचालन के सभी तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा करेगी और एक विस्तृत एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार करेगी। इस एसओपी में हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हेली सेवाओं का संचालन पूरी तरह से सुरक्षित, पारदर्शी और निर्धारित मानकों के अनुसार हो। यह कदम राज्य में हवाई यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
दुर्घटनाओं की गहन जांच, दोषियों पर सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि राज्य में पूर्व में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति, "आज के हेली कैश" (संदर्भित दुर्घटना) के भी हर पहलू की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। यह समिति प्रत्येक घटना के कारणों की गहराई से जांच करेगी, जिसमें मानवीय त्रुटि, तकनीकी खराबी, या किसी भी अन्य कारण का पता लगाया जाएगा। जांच के बाद, दोषी व्यक्तियों या संस्थाओं की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। मुख्यमंत्री का यह निर्देश स्पष्ट करता है कि सरकार हवाई सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी।
तीर्थाटन और आपदा प्रबंधन में हेली सेवाओं का महत्व
मुख्यमंत्री धामी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राज्य में हेली सेवाओं का महत्व तीर्थाटन, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए अत्यधिक है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में, जहां सड़क कनेक्टिविटी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, हेली सेवाएं दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने और आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसी कारण से, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सेवाओं में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
यह निर्णय उत्तराखंड में हवाई सुरक्षा को मजबूत करने और यात्रियों व चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई एसओपी और दुर्घटनाओं की गहन जांच से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी और राज्य में हेली सेवाओं पर जनता का विश्वास बढ़ेगा।
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